Arvind Swamy Success Story: अरविंद स्वामी का जन्म 18 जून 1970 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था। एक भारतीय फिल्म अभिनेता है और तमिल, मलयालम, तेलुगु और बॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है और टेलीविजन प्रस्तुत करता, गायक, एक आवाज कलाकार और व्यवसाय के रूप में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। यह स्टोरी Arvind Swamy अभिनेता जिसने एक कलाकारों भरी इंडस्ट्री को छोड़कर अपना कैरियर बिजनेस दुनिया में लगाया और उन्हें यह निर्णय Arvind Swamy को यह इसलिए लेना पड़ा की हम आज की इसके सक्सेस स्टोरी में जानेंगे।
थलापति फिल्म से इंडरस्ट्री में रखा कदम
1991 में Arvind Swamy ने अपने फ़िल्मी करियर में कदम रखा थालापथी मूवी से अपना डेब्यू किया और यह मूवी मूवी मनी रत्नम को एक जाने माने फिल्म डायरेक्टर थे उनके साथ अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की। इस मूवी को लोगों ने बहुत ही ज्यादा पसंद किया था उसे समय में और एक कमर्शियल सक्सेस बन गई थलापति मूवी में अरविंद स्वामी जी ने अर्जुन से प्रेरित एक कैरेक्टर प्ले किया था।
Arvind Swamy भारत भर में हुए स्टार
— arvind swami (@thearvindswami) August 16, 2022
Arvind Swamy की 1992 में आई फिल्म रोजा और 1995 में आई बॉम्बे ने Arvind Swamy जी को एक पैन इंडिया स्टार बना दिया था। इस फिल्म की चर्चा इन दिनों खूब हुई थी। यह दोनों मूवीज बॉक्स ऑफिस पर तो चली लेकिन उसके साथ अरविंद स्वामी जी से लोगों की उम्मीदें कहीं सारे गुना बढ़ गई थी।
Arvind Swamy अचानक एक दिन फिल्मी दुनिया से गायब
अब Arvind Swamy का एक ऐसा वक्त आया जब 90s के आखिर के वश में ही उनकी सारी सब फिल्में चलना बंद हो चुकी थी। बॉक्स ऑफिस पर भी इतना अच्छा कलेक्शन नहीं हो पता था। और धीरे-धीरे उनका मन इसमें से उठने लगा था। फिर 2000 में उन्होंने फिल्मी दुनिया को अलविदा कहने का ठान लिया। फास्ट्रेक्शन में किया गया ये निर्णय उनकी लाइफ पर एक टर्निंग पॉइंट बन गया।
1992 के बाद Arvind Swamy ने बिसनेस की दुनिया में किया डेब्यू
![Arvind Swamy Success Story](https://bharatversh.com/wp-content/uploads/2023/12/Arvind-Swamy-Success-Story%E0%A5%A4.jpg)
यह बात है 2005 की जब Arvind Swamy जी ने अपने पिता की कंपनी यानी वीडि स्वामी एंड कंपनी को मैनेजमेंट करना स्टार्ट कर दिया था। पिता के कंपनी को मैनेजमेंट करते हुए Arvind Swamy ने एक बिजनेस का सपना देखा और उन्होंने अपनी एंटरप्रेन्योरशिप का सफर चालू कर दिया और उन्होंने उसका नाम Talent Maximus Payroll प्रोसेसिंग और टेंपरेरी स्टाफिंग की सुविधा उपलब्ध करने वाली कंपनी को स्थापित कर दिया।
Arvind Swamy की इस कंपनी नया ही रिकॉर्ड बना रही है
Talent Maximus की लीडरशिप में Arvind Swamy जी ने एक बड़ी ही एंटरप्राइज बन चुकी इस कंपनी को 2022 में $418 मिलियन डॉलर की यानी 3,300 करोड़ का रेवेन्यू जेनरेट किया था। Arvind Swamy जी की इस सफलता बिजनेसमैन के रूप में ऊभर ऊभर कर बाहर आ रही है।
0 से स्टार्ट करने की तयारी की सीख
![Arvind Swamy Success Story](https://bharatversh.com/wp-content/uploads/2023/12/Arvind-Swamy-Success-Story-2.jpg)
Category | Details |
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Full Name | Arvind Swamy |
Date of Birth | 18th June 1970 |
Place of Birth | Chennai, Tamil Nadu, India |
Nationality | Indian |
Height | 5 ft 8 in |
Weight | 75 Kgs |
Parents | V. D. Swami (Father), C. V. S. Vasantha (Mother) |
Spouses | Gayathri Ramamurthy (1994-2010), Aparna Mukherjee (2012-present) |
Children | Rudra, Adhira |
Education | Loyola College, Chennai (Bachelor’s), Wake Forest University, US (master’s in international business) |
Career Highlights | – Debut in “Thalapathi” (1991) under Mani Ratnam |
– Success with “Roja” (1992) earning Tamil Nadu State Award | |
– Bollywood debut in “Saat Rang Ke Sapne” (1997) | |
– Business involvement with InterPro Global, Prolease India, and Talent Maximus | |
– Comeback with “Kadal” (2013) after an injury break | |
Other Roles | Actor, Model, Entrepreneur, Television Presenter |
Business Ventures | – Director and Chairman of InterPro Global and Prolease India until 2005 |
– Established his own business “Talent Maximus” in India (temporary hiring and payroll processing) |
Arvind Swamy के लिए फिल्मी दुनिया के स्टारडम को छोड़कर एकदम जीरो लेवल से सब सीखना और उसमें सफल होना एक उदाहरण है। जहां सक्सेस नहीं मिल रहा उसे चीज को समझ के मान के दूसरी ही जगह में अपना नाम बनाने के लिए मेहनत करने की स्टोरी काफी इंस्पायरिंग करती है लोगों को। उनके बिजनेस सफलता को देखकर यह पता चल रहा है। कि यह बेहतरीन एक्टर ही नहीं बल्कि एक स्मार्ट बिजनेसमैन भी है।
हम सबका तो क्या है मूवीस में देखते हैं कि हीरो कैसे फटाफट अमीर बन जाता है। एक बड़ा ही बिजनेसमैन बिजनेस पूरा अंपायर खड़ा कर देता है। लेकिन इस सक्सेस की स्टोरी में एक हीरो ने असली में ही एक बड़ा बिजनेस अंपायर खड़ा कर दिया है। उनकी स्टोरी हमें सिखाती है कि चेंज को एक्सेप्ट करो और उनको पीछे छोड़ कर सक्सेस कि नहीं रहा ढूंढो।
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