Manoj Bicycle Yatra: एक शख्स है जो इतनी ज्यादा ठंड में साइकिल से अयोध्या के लिए निकल पड़े हैं। वह भी साइकिल से सो या 200 किलोमीटर की यात्रा नहीं बल्कि पूरे 1100 किलोमीटर का सफर वह तय करने वाले है। वह मनोज जैसे एक नहीं इसे कई सारे यात्रियों होंगे जो कि अपनी साइकिलों में कहां-कहां से अयोध्या आ रहे हैं। पर आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि मनोज कैसे अपनी साइकिल यात्रा में कहां से आ रहा है वह कौन है और कितने दिन में वह पहुंच सकते हैं। सारी बातें बताएंगे।
कितने किलोमीटर का सफर होगा?
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीकी आ रही है और सिर्फ 10 दिन बचे है 22 जनवरी में और उन्हीं को लेकर राम भक्तों में काफी गजब का उत्साह भी देखने को मिल रहा है। यह एक सनातन की जीत होने वाली है और उसी में ही श्रद्धालु अलग-अलग तरीके केसे हैं। राम भक्तों में गजब का ही उत्साह भी देखने को मिल रहा है और रामनगरी पहुंचकर अपने भाव को प्रकट भी कर रहे हैं। इसी क्रम में एक शख्स है। जो काफी ज्यादा ठंड में भी साइकिल से अयोध्या के लिए निकल पड़े हैं। वह साइकिल से सो या 200 किलोमीटर या नहीं बल्कि पूरे 1100 किलोमीटर का सफर वह तय करेंगे।
कोन है? मनोज
इस व्यक्ति का नाम है “मनोज कुमार सिंह” जो एक मनोज सिंह मूल रूप से तो उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले हैं। वह कुछ दिन पहले ही तक अहमदाबाद में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर तो उन्होंने अयोध्या जाने का एक निर्णय ही ले लिया ये एक श्रद्धालु होने की निशानी है। वह भी अयोध्या जाने के लिए वह वापस भी लौट आया है।
कितना रहेगा सफर?
सबसे पहले तो मनोज अपनी साइकिल से बागेश्वर धाम (छतरपुर) पहुंचेंगे और फिर वहां से अयोध्या के लिए निकलेंगे। इसी दौरान तो वह करीबन 1100 किलोमीटर की दूरी भी तय करेंगे। वह भी 20 से 21 तारीख के बीच मनोज कुमार रामलला के दरबार में हाजिर होंगे। अभी तो औरैया जिले पहुंचे हैं। जहां कुछ स्थानीय लोगों ने उनकी साइकिल यात्रा का स्वागत जोरो सोरो से किया हैं।
मनोज की साइकिल यात्रा
![Manoj Bicycle Yatra](https://bharatversh.com/wp-content/uploads/2024/01/Manoj-Bicycle-Yatra-1.jpg)
मनोज ने अपनी साइकिल पर तिरंगा और राम मंदिर का झंडा लगाया है ये एक बड़ी अच्छी बात है। हनुमान जी का बड़ा सा झंडा भी उन्होंने साइकिल के ऊपर बांध रखा है। जब वो साइकिल चलाते है तो तो ये सभी झंडे लहराते हैं। वो अकेले ही इस यात्रा पर निकले हैं। अपनी यात्रा को लेकर मनोज कुमार बेहद ही खुश हैं।
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